शहडोल।जीका बुखार का जनक मादा एडीज मच्छर - डाॅ. उमेश नामदेव

जीका बुखार का जनक मादा एडीज मच्छर - डाॅ. उमेश नामदेव


शहडोल।(दीपक केवट) सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ. उमेश नामदेव ने बताया है कि शरद ऋतु में एडीज मच्छर ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, इनसे जीका बुखार की बीमारी हो सकती है। बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, समय पर सही उपचार लेने से रोगी ठीक हो सकता है। उन्होनें बताया कि 2 से 7 दिन आंखे लाल होना, बुखार, छाती एवं दोनों हाथ में दाने इसके प्राथमिक लक्षण है, ये लक्ष्य होने पर चिकित्सीय सलाह एवं उपचार की जरूरत होती है। मादा एडीज मच्छर काले रंग का होता है और इसमें सफेद रंगे धब्बे होते है, ये मच्छर साफ पानी में पनपते व अण्डे देते है तथा सुबह शाम को अकसर काटते है। डाॅ. नामदेव ने कहा कि जन समुदाय को उनके घर के अन्दर जल संग्रहण के स्थान जैसे- पानी की टंकी, कन्टेनर आदि जहां साफ पानी एकत्रित होता है, उसकी नियमित देखरेख व सफाई का विषेष ध्यान रखना चाहिये। मच्छर कटाने से बचाव के लिये मच्छरदानी लगाकार सोना, फुल कपड़े पहनना, माॅस्कीटो क्वाईल का उपयोग करना चाहिये क्योंकि सावधानी ही बचाव है।
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