जनजाति कार्य विभाग के बाबू केके मिश्रा से नहीें छूट रहा है कुर्सी का मोह
शहडोल।(दीपक केवट) जनजाति कार्य विभाग शहडोल में पदस्थ लिपिकों का सीट परिवर्तन का आदेश 4 दिसंबर 17 को किया गया था लेकिन आज तक कुछ ही बाबू अपना प्रभार आप सहमती मे अदला-बदली किए लेकिन बहुत से ऐसे मलाईदार विभाग है जिससे अभी तक उनका मोहभंग नहीं हो रहा है और अपनी सीट नहीं छोड़ रहे हैं स्थापना में बैठे केके मिश्रा दूसरों के संलग्नी करण के लिए बहुत जल्दी आदेश करते हैं वहीं अगर मिश्रा को देखा जाए तो स्वयं दूसरे की सीट में संलग्न है अगर इतनी ही शासन के आदेश निर्देश को मानते हैं तो 1 वर्ष से अपने अधिकारी के आदेश का पालन क्यों नहीं किए इसी तरह जिले में अभी भी बहुत से शिक्षक व्याख्याता सहायक शिक्षक अपने विभाग के अलावा शिक्षण कार्य के अलावा भी दूसरी जगह सेवा दे रहे हैं,
लेकिन उनके तरफ ना तो कलेक्टर ना ही सहायक आयुक्त ना ही कमिश्नर का ध्यान जाता है जिनके कोई आका नहीं कोई नेता नहीं उन्हें तुरंत मुक्त कर दिया गया लेकिन जिनके सिर पर हाथ अधिकारी एवं नेताओं का है आज भी मौज से संलग्नी करण का मौज ले ले रहे हैं इस तरह से दोहरी नीति एक ही जिले में क्यों और दीपक तले अंधेरा क्यों संलग्न तो संलग्न है चाहे वह आज का हो चाहे 5 साल पुराना हो सन्लग्नी करण के बारे में सभी आते हैं और अगर आदेश का पालन करना है तो सही ढंग से हो यह नहीं कहीं तीतर कहीं बटेर 4 लोगों को मुक्त कर दिए 10 लोग अभी भी संलग्न है यह तो सीधे-सीधे उनके साथ अन्याय है जो किसी भी तरह से बीमारी या किसी परेशानी से दूसरी जगह सेवा दे रहे थे।

