प्रांतीय शा. महावि. प्राध्या.संघ ने कर्मचारियों व अधिकारियों को साफ्टवेयर पर वेतन निर्धारण में संशोधन व समस्याओं निराकरण हेतु उच्च शिक्षा मंत्री को सौंपा पत्र

प्रांतीय शा. महावि. प्राध्या.संघ ने कर्मचारियों व अधिकारियों को साफ्टवेयर पर वेतन निर्धारण में संशोधन व समस्याओं निराकरण हेतु उच्च शिक्षा मंत्री को सौंपा पत्र 


(दीपक केवट / शैलेन्द्र मिश्रा)

शहडोल हिन्दी न्यूज लाइव। प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के प्रो. धर्मेन्द्र कुमार द्विवेदी जिला अध्यक्ष, प्रो. शिव कुमार दुबे प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष , डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय जिला सचिव के नेतृत्व में स्थानीय सर्किट हाऊस  में  प्रवास के दौरान डॉ. मोहन यादव मंत्री उच्च शिक्षा, मध्य प्रदेश शासन मंत्रालय, भोपाल को पत्र में सौंप कर उच्च शिक्षा विभाग में कर्मचारी एवं अधिकारियों को आईएफएमआईएस साफ्टवेयर पर वेतन निर्धारण में संशोधन हेतु विकल्प सुविधा उपलब्ध कराने के लिये वित्त विभाग से मांग की है 

पत्र में कितने उल्लेख है कि मध्यप्रदेश के सभी शासकीय कर्मचारियों के सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण आईएफएमआईएस साफ्टवेयर के माध्यम से किये जाने के निर्देश है किन्तु वेतन निर्धारण में कार्यालयीन स्तर पर अथवा कर्मचारी स्तर पर कुछ त्रुटियाँ रह गयी है, जिन्हें संशोधित किया जाना आवश्यक है।

इसके अतिरिक्त 150 के लगभग शिक्षकों को सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण ही नहीं हो सका है। शिक्षकों एवं प्राचार्यों के द्वारा बार-बार पत्राचार के पश्चात भी आयुक्त कार्यालय के द्वारा कोई समाधान कारक कार्यवाही नही की गयी है। 

संघ को कोष एवं लेखा के अधिकारियों ने अवगत कराया है कि इस कार्यवाही हेतु केवल वित्त सचिव ही अधिकृत है।

यह भी उल्लेख किया है कि अन्य विभाग के कर्मचारियों को विकल्प परिवर्तन के तीन अवसर प्रदान किये गये है, केवल उच्च शिक्षा विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी ही इससे वंचित रह गये है।

संघ ने मांग की है कि प्रमुख सचिव वित्त से आईएफएमआईएस साफ्टवेयर पर उच्च शिक्षा विभाग के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए एक बार विकल्प दिये जाने की सुविधा प्रदान किया जाए। 

शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की समस्याओं का हो निराकरण 

संघ के उपाध्यक्ष प्रो.शिव कुमार दुबे ने डा. मोहन यादव मंत्री उच्च शिक्षा से आग्रह किया कि प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की प्रमुख समस्याएं है जिसमें छठवें यू.जी.सी. वेतनमान में प्राध्यायकों को ए.जी.पी. 10,000/- स्वीकृत किये जाने हेतु अगस्त 2018 में मंत्री परिषद द्वारा पृथक से प्रकरण प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया था, किन्तु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस विषय पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नही की गई है, जिस कारण यह प्रकरण विगत आठ वर्षों से लंबित है।

इसके परिणामस्वरूप मृत एवं सेवा निवृत्त शिक्षकों से सेवा निवृत्ति के समय 12 प्रतिशत चक्रवर्ती ब्याज की दर से लाखों रूपये की रिकवरी (वसूली) की जा रही है।

सातवें यू.जी.सी. वेतनमान के एरियर्स के भुगतान हेतु भारत सरकार से उनका अंशदान 352.00 करोड़ रूपये प्राप्त हो चुका है। 

वित्त विभाग द्वारा भी इस बावत बजट में आवश्यक धनराशि का प्रावधान कर दिया गया है, किन्तु उच्च शिक्षा विभाग को आवश्यक धनराशि उपलब्ध नही कराई जा रही है। इस कारण एरियर्स का भुगतान नही हो पा रहा है।

प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ की मांग है कि शिक्षक हित में संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर समस्याओं के निराकरण करें।

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