शाम ढलते ही पूरी रात रेत का परिवहन थाने से लगभग 04 किलोमीटर की दूरी निकलते हैं रेत लोड ट्रैक्टर

 शाम ढलते ही पूरी रात रेत का परिवहन थाने से लगभग 04 किलोमीटर की दूरी निकलते हैं रेत लोड ट्रैक्टर,

मास्टर माइंड गुली, मकबूल, अफजल और महफूज़ का नेटवर्क कैसे देते है काम को अंजाम ?

शकील खान की रिपोर्ट

शहडोल/अमलाई ! ठंडी आते ही रेत के काले कारोबार में ठंडी चाय से लेकर काली चाय तक शामिल हैं ! जिले का एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर रेत का अवैध कारोबार चरम पर है ! अमलाई थाना क्षेत्र के नरगड़ा और शारदा माइंस के पास सोन नदी से बेधडक़ तरीके से रेत चोरी का मास्टर माइंड गुली, मकबूल, अफजल, और महफूज़ बड़े प्रेम से पूरी रात गांव की सडक़ों पर खुलेआम चोरी का रेत परिवहन किया जा रहा है ! रेत से लोड ट्रैक्टर दोपहर 02 बजे से गांव की सडक़ों में धमाचौकड़ी मचाते हुए निकलते हैं ! लेकिन किसी पुलिस कर्मी की मजाल नहीं कि वह इन ट्रैक्टरों को रोक सके ! सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी तरह से दिन और रात में नरगडा और सोन नदी क्षेत्र में भी रेत की चोरी करने के लिए रेत माफिया सक्रिय हो जाता है ! ट्रैक्टर के माध्यम से दोपहर 02 बजे से सुबह 05 बजे तक बेखौफ तरीके से रेत का परिवहन आसपास के क्षेत्रों में करता है ! हैरानी इस बात की है कि पुलिस द्वारा जब भी रेड कार्यवाही की जाती है तो माफियो के गुर्गे द्वारा फोन के माध्यम से सूचना दे दी जाती है जिससे माफिया वहा से भाग खड़े होते है सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन का सूचना तंत्र इतना कमजोर है ? कई ऐसी खदाने हैं जो संचालित नहीं हैं, रेत उन्हीं से अवैध रूप से निकालकर लाई जाती है ! शहर के सभी प्रमुख सडक़ों और चौराहों में सुरक्षा के लिहाज से सी.सी.टी.वी लगाए गए हैं ! इन सी.सी.टी.वी कैमरों में हर आने-जाने वाले की तस्वीर चौबीसों घंटे रिकार्ड होती है ! दोपहर से पूरी रात शहर की सडक़ों में धमाचौकड़ी मचाते हुए निकलने वाले रेत लोड ट्रैक्टर भी कैमरे में कैद होते होंगे, जिनके माध्यम से जिले के वरिष्ठ अधिकारी दिन और रात के समय गुजरने वाले रेत लोड ट्रैक्टरों की जानकारी ले सकते हैं और कार्यवाही कर सकते हैं ! पुलिस चाहे तो दिन के समय नरगड़ा व श्रीवास्तव मोड़ जाने वाली रोड पर आधी रात को खड़े होकर रेत से भरे ट्रैक्टरों को देख सकते हैं या रोड पर इनके गुर्गों को देखा जा सकता है ! ऐसी अंधेरगर्दी गांव, नगर में गाहे- बगाहे हमेशा रेत की चोरी रेत माफिया द्वारा की जाती रही है, लेकिन जिस तरह से वर्तमान में रेत माफिया पुलिस, खनिज और राजस्व अधिकारियों को अपनी उंगली में नचा रहा है ! रेत माफियो को अब न तो पुलिस का खौफ है और न खनिज और राजस्व विभाग के अधिकारियों का ! जब हमारी टीम नरगड़ा नदी और सोन नदी पहुंची तो वहां ट्रैक्टर चालकों से पूछा गया तो चालकों द्वारा बताया गया कि ट्रैक्टर और रेत गुली, मकबूल, अफजल, महफूज़ और इरफान का है उनके द्वारा ये रेत निकलवाई जा रही है बाकी खबर अगले अंक में पढ़े......

इनका कहना है

नरगड़ा नदी हमारे क्षेत्र में नहीं आती है बुढार क्षेत्र में आती है जब से सीमांकन हुआ है !

थाना प्रभारी अमलाई

जय प्रकाश शर्मा

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