रिलायंस सीबीएम प्रोजेक्ट के खिलाफ किसानों ने सौंपा ज्ञापन,
सीबीएम प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने हमें लूट लिया - किसान
शहडोल(दीपक केवट)। मुख्यालय से जुड़े ग्राम नंदना के निवासी कृषि कार्य कर अपना एवं अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते है। सभी का अलग-अलग खसरा नम्बरों एवं अलग-अलग रकवे की कृषि भूमि का ग्राम नंदना, तहसील सोहागपुर जिला शहडोल में मौजूद है, जिसमें किसान पीढ़ियों से कृषि कार्य करते चले आ रहे है। प्रार्थीगण पेशे से किसान है, तथा उनके पास उनकी कृशि भूमियों के अलावा जीविकोपार्जन हेतु अन्य कोई आधार मौजूद नहीं है। विदित है कि शहडोल जिले में मौजूद प्राकृतिक भूमिगत मीथेन गैस भण्डार पर पिछले कई वर्शो से मेसर्स रिलायंस इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा मीथेन गैस निश्कार्शित कर गैस का परिवहन कर उसे फूलपुर (उ.प्र.) रिफायनरी तक पहुंचाने के लिये एक परियोजना के अंतर्गत भूमिगत पाइपलाइन, केबल, एवं डक्ट बिछाने के लिये गैस पाइपलाइन के मार्ग में आने वाले ग्रामों में भूमि का अधिग्रहण म.प्र. षासन के माध्यम से कराया जा रहा है। उपरोक्त गैस पाइपलाइन प्रार्थीगण के पैतृक ग्राम नंदना में मौजूद कृशि भूमियों से होकर ले जाया जाना परियोजना में प्रस्तावित है।
पूरा मामला यह था
किसानों का ग्राम नंदना में मौजूद कृशि भूमियों का अधिग्रहण किये जाने हेतु भूमियों का नोटिफिकेषन एवं सीमांकन लगभग 03 वर्श पूर्व किया जाकर भूमि का अधिग्रहण करते हुए 21 जनवरी को सम्बन्धित भूमियों के भूमिस्वामी किसानों को उनकी कुल अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा राशि के अलग-अलग चेक वितरित किये जा रहें थे, किन्तु किसानों द्वारा उपरोक्त चेक राषि को प्राप्त करना अस्वतीकार कर दिया था। प्रार्थीगण द्वारा पूर्व में भूमि अधिग्रहण के विरूद्ध अपनी-अपनी आपत्तियां माननीय उपायुक्त महोदय, राजस्व संभाग षहडोल को अपनी आपत्ति 22 दिसम्बर 2018 को प्रस्तुत की थी, किन्तु प्रार्थीगण की आपत्ति पर आज दिनांक तक कोई समुचित कार्यवाही नहीं की गई। प्रार्थीगण को यह जानकारी प्राप्त हुई है कि मेसर्स रिलायंस इण्डस्ट्रीज के पक्ष में गैस पाइपलाइन हेतु 02 मीटर चौड़ी भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त पाइपलाइन के एक ओर पाइपलाइन के निरीक्षण एवं रखरखाव हेतु एक 06 मीटर चौड़ा मार्ग, बनाया जाना प्रस्तावित है। यह मार्ग निष्चित रूप से प्रार्थीगण की शेष कृषि भूमि से होकर ही गुजरेगा। किन्तु प्रार्थीगण की जिस भूमि पर मार्ग निर्माण किया जाना है, उस भूमि का पाइपलाइन हेतु अधिग्रहीत भूमि से अतिरिक्त भूमि भी प्रार्थीगण की कृशि भूमि को हड़प कर मार्ग निर्माण कर दिया जावेगा। प्रार्थीगण की भूमियां जो पाइपलाइन के दोनों ओर मौजूद है, उनका उपयोग प्रार्थीगण द्वारा नहीं किया जा सकेगा, दूसरा पाइपलाइन से समानान्तर यदि रोड का निर्माण कर लिया जायेगा तो प्रार्थीगण मार्ग की भूमि के मुआवजे से वंचित हो जावेगें। 03 वर्श पूर्व अधिग्रहीत की गई कृशि भूमियों का अत्यधिक कत मुआवजा प्रार्थीगण को दिया जा रहा है। जबकि वर्तमान समय में अधिग्रहीत भूमियों का मूल्य अत्यधिक बढ़ चुका है, किन्तु अधिग्रहण के लम्बे अर्से बाद पुराने मूल्य पर प्रार्थीगणों को मुआवजा राषि प्रदान कर संतुश्ट करने का प्रयास किया जा रहा है, जो प्रार्थीगणों को कतई स्वीकार नहीं है। प्रार्थीगण की जो कृशि भूमियां गैस पाइपलाइन हेतु जिन षर्तो के अधीन जितने समय के लिये अधिग्रहीत की जा रही है, उतने वर्शो में प्रार्थीगण की कृशि भूमियों पर भविश्य में होने वाले प्रतिवर्श के उत्पादन की क्षति राषि के बराबर की राषि प्रार्थीगण को नहीं दी जा रही है। जबकि पाइपलाइन बिछने के बाद प्रार्थीगण को प्रतिवर्श पाइपलाइन मौजूद रहने तक आर्थिक छति उठानी पड़ेगी एवं प्रार्थीगणों की भूमियों को क्रय-विक्रय पूर्णतया प्रतिबंधित हो जावेगा। किसानो की भूमियों का अधिग्रहण हेतु किये गये नोटिफिकेषन की अवधि माह जून 2018 में पूर्ण हो चुकी है। स्पश्ट है कि नोटिफिकेषन की अवधि 02 वर्श से अधिक हो चुकी है, इस आधार पर भूमि का अधिग्रहण पुराने मूल्य पर नहीं किया जाना चाहिये एवं भूमि अधिग्रहण हेतु नये सिरे से भूमि के वर्तमान बाजारू मूल्य पर किया जाना न्यायसंगत है। अतएव निवेदन है कि हम प्रार्थीगण की जितना जितना रकवा कृषि भूमि का अधिग्रहण हम प्रार्थीगण से किया जा रहा है, प्रत्येक प्रार्थी को उसकी अधिग्रहीत कृशि भूमि का मुआवजा भविशय में प्रतिवर्श होने वाली कृशि आमदनी के समतुल्य राशि मुआवजे के तौर पर दिलायी जावे तथा गैस पाइपलाइन के समनान्तर 06 मीटर चौड़े भविश्य में निर्मित किये जाने वाले मार्ग का अतिरिक्त मुआवजा भी प्रार्थीगणों को दिलाया जावे, जिससे प्रार्थीगण के साथ न्याय हो सके।
