मुख्यालय जिले में एक ऐसा नगर पालिका जहाँ बिना खरीदी सीमेंट से हो रहा नाली निर्माण फिर भी **अधिकारी साधे मौन**

 मुख्यालय जिले में एक ऐसा नगर पालिका जहाँ बिना खरीदी सीमेंट से हो रहा नाली निर्माण फिर भी

  **अधिकारी साधे मौन**


(शैलेन्द्र मिश्रा)

शहडोल।जहां हमेशा सुर्खियों में रहने का नाम हो गया है। कभी राखड़ तो कभी डस्ट कभी बिना खरीदी सीमेंट । प्रशासनिक अधिकारी के आंख के नीचे हो रहे इस काम को इंजीनियर महोदय पांडे जी और सोनी जी ठेकेदार को दे रखी खुली छूट । प्राप्त जानकारी अनुसार  नहीं हो सकता उपयोग  नॉट फाँर रिटेलर सेल सीमेंट ।

कंपनी डबल बुल सीमेंट का  हो रहा उपयोग  जिसमे  लिखा है नॉट फॉर रिटेलर सेल सीमेंट डबल बुल इंजीनियरों द्वारा  अनदेखी निगाहों  से ठेकेदार को  खुली छूट राखड़ डस्ट के ऊपर रेत का छिड़काव फिर उसी राह पर डस्ट के ऊपर रेत की डंपिंग कार्य (काम) निर्माण कार्य से कुछ दूर रेत राखड़ और डस्ट का स्टॉक दिखावा के लिए एक ट्राली रेत की डंपिंग बाकी मटेरियल प्लाट से यह ठेकेदार की चालाकी इंजीनियर  साहब की अनदेखी 

इंजीनियर साहब से पूछने पर 

मैं दिखाता हूं मैं साइड इंजीनियर को भेजता हूं साइड  इंजीनियर सोनी जी आते हैं उनको नहीं पता कहां है सीमेंट कौन सी सीमेंट से हो रहा था निर्माण।

 ठेकेदार लापता ठेकेदार के मैनेजर द्वारा नगर पालिका से मिला है सीमेंट लगाने का आदेश सीमेंट कहां से आया साइड में खड़े इंजीनियर सुपरवाइजर और ठेकेदार के मैनेजर को नहीं पता सीमेंट कहां से आता है । नॉट फॉर रिटेलर सीमेंट कहां से मिलेगा इस कार्य का बिल क्या नगरपालिका पास करेगा नॉट फॉर रिटेलर सेल सीमेंट  डबल बुल  का पेमेंट क्यों होता है जिम्मेदार के द्वारा ऐसे अनदेखी कार्य। ठेकेदार सिविल वर्क से अंजान फिर भी नाली निर्माण का है कार्य। नाली निर्माण में बरती जा रही है लापरवाही।

इंजीनियर की लापरवाही हुई उजागर। ठेकेदार करा रहे हैं राखड से नाली निर्माण। शाम होते ही होता है राखड और रेत का मिश्रण। नाली निर्माण मे राखड और सीमेंट का  इस्तेमाल। खैरहा रोड, कालेज तिराहा से हीरा कॉलोनी तक हो रहा है निर्माण कार्य। गुणवत्ता विहीन हो रहे इस कार्य को नगर पालिका के मुखिया कर रहे नजर अंदाज। किसके सह  पर हो रहा है गुणवत्ता विहीन नाली निर्माण।  लगभग 700 मीटर का कराया जा रहा रोड के दूसरे साइड नाली निर्माण। इस कार्य को देखकर स्थानीय लोगों में है। नगर पालिका धनपुरी क्षेत्र के अधिकारियों की मिली भगत।


 *अगले अंक में होगा पूरा खुलासा*


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