नगरपालिका धनपुरी में विगत कई वर्षों से नियमित सी.एम.ओ.
वैसे तो मध्य प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग हर वर्ष राज्य में खाली पड़े प्रशासनिक पदों के लिए परीक्षा आयोजित करता है, और सैकड़ों की संख्या में प्रशासनिक अधिकारी चयनित होते हैं। बावजूद इसके मध्य प्रदेश की सबसे धनाढ्य और महत्वपूर्ण नगर पालिकाओं में सुमार नगरपालिका धनपुरी में विगत कई वर्षों से नियमित सी.एम.ओ. (मुख्य नगरपालिका अधिकारी) का इंतजार जारी है। शहडोल जिला अंतर्गत नगर पालिका धनपुरी में वर्षों से मुख्य नगरपालिका अधिकारी की स्थाई नियुक्ति नहीं की गई है पिछली भाजपा सरकार एवं कांग्रेस सरकार के समय भी प्रभारी सी.एम.ओ. के रूप में नगरपालिका धनपुरी में श्री रवि करण त्रिपाठी लगातार पदस्थ रहे हैं। इस प्रकार श्री रविकरण त्रिपाठी नगरपालिका धनपुरी में 4 बार लगभग कुल 12 वर्षों तक पदस्थ रहे हैं एवं वर्तमान में 7 जून 2017 से लेकर अब तक प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी के रूप में पदस्थ है। इसे या तो राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों की कमी कहें या सरकार की मेहरबानी या प्रभारी सीएमओ रवि करण त्रिपाठी की सेटिंग का कमाल। पर जो भी हो जहां जिले कि कई अन्य नगरपालिकाओं में पिछले कई सालों में कई मुख्य नगरपालिका अधिकारी आए और गए लेकिन धनपुरी में रविकरण की बादशाहत बरकरार रही। इसी प्रकार नगर परिषद जयसिंहनगर में भी श्री जगननिवास पांडे 3 बार लगभग कुल मिलाकर लगभग 19 वर्ष पदस्थ रहे हैं एवं वर्तमान में 1 सितंबर 2016 से लगातार प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी के रूप में पदस्थ हैं।
इस मामले में 12 फरवरी 2019 को तत्कालीन शहडोल कलेक्टर श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव द्वारा भी आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल को पत्र भेजा जा चुका है, जिसमें उक्त दोनों निकायों में नियमित मुख्य नगर पालिका अधिकारियों की पदस्थापना की सिफारिश की गई है। इस पत्र को आज भाजपा नेता शैलेंद्र श्रीवास्तव में मीडिया के साथ सार्वजनिक किया।
उन्होंने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से मांग की है कि 12 फरवरी 2019 को तत्कालीन शहडोल कलेक्टर श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव द्वारा आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल को लिखे गए पत्र का संज्ञान लेते हुए शहडोल जिले के उक्त दोनों नगरीय निकायों में लंबी अवधि से कार्यरत प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारियों के स्थान पर नियमित मुख्य नगरपालिका अधिकारी की पदस्थापना की जाए, जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके साथ ही क्षेत्र के विकास को भी गति मिल सके।



