यीशु मसीह के बलिदान को याद किया, गुड फ्राइडे पर निकाला गया भव्य जुलूस एवं झांकियां

 यीशु मसीह के बलिदान को याद किया,

गुड फ्राइडे पर निकाला गया भव्य जुलूस एवं झांकियां 


शहडोल। राष्ट्रीय ईसाई महासंघ (इंडिया) के राष्ट्रीय महासचिव सी.एल.अब्राहम एवं किस्टोफर बास्टिन जिला सचिव अभिषेक आइजक नगर अध्यक्ष ने प्रभु यीशु मसीह के बलिदान की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पवित्र शुक्रवार को यीशु मसीह का स्मरण श्रद्धा भक्ति के साथ याद किया जाता है।भक्तगण आज के दिन यीशु मसीह के पीड़ा सहन तथा क्रूस मरण के द्विव्य रहस्यों के बारे में ध्यान मनन करता है। साथ ही साथ उस सलीब की वंदना करता है, जिसके द्वारा यिशु मसीह ने मानव को मुक्ति दिलाई। दो हजार वर्ष पूर्व एक शुक्रवार को कलवरी के सलीब पर यिशु मसीह का मरण हुआ था, जिसके जरिये मानव को मुक्ति मिली तथा मानव प्रेम से प्रेरित होकर उनको अपने पापों की दास्ता से स्वतंत्रता दिलाने तथा ईश्वरत्व से सम्पर्क कराने के लिये यिशु मसीह ने अपने जीवन को सलीब पर अर्पित किया। यिशु मसीह ने अपना पूरा लहू मानव जाति के उद्धार के लिये बहाया और हमारा उद्धार किया पाप और मृत्यु के बंधनों से छुटकारा दिलाया आज विश्व के सभी गिरिजाघरों में ईसाई धर्मावलम्बियों द्वारा आज़ विशेष प्रार्थना की जाती है व  जुलूस व झांकिया निकाली जाती है, आज के दिन यिशु मसीह ने हमारे पापों को क्षमा व मानव को मुक्ति दिलाने हेतु क्रूस पर अपनी जान दी।सलीब की वंदना करता है जिसके द्वारा यिशु मसीह ने मानव को मुक्ति दिलाई।

 आज के दिन विश्व के ईसाई धर्मावलम्बी 7 अनमोल वाणी पर मनन  करते हैँ

क्रूस पर अपने अंतिम समय में यिशु मसीह ने कहे थे।

(1) हे पिता इन्हें क्षमा कर ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं (लूका 23.34) (2)तू आज ही मेरे साथ स्वर्ग लोक में होगा। (डाकूओं से) (लूका 23.43) (3)हे नारी देख यह तेरा पुत्र और यह तेरी माता है। (यहोन्ना 19.26)(4)हे परमेश्वर तूने मुझे क्यों छोड़ दिया (यत्री 27.46) (5)मैं प्यासा हूँ (यहोन्ना 19.28)

(6) पूरा हुआ (यहोन्ना) 19.30)(7)हे पिता मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ (लूका 23.46) इन्हीं 7 वाणियों को भक्तगण मनन करते हुए वेदना- यातनायें व दुख जो यिशु मसीह ने सहे थे अपने मसीही जीवन में लाते हैं। 

 *प्रभु यिशु मसीह के बलिदान दिवस (गुडफ्राइडे) में भव्य जुलूस व झांकियाँ निकाली गई* 

होली स्पिरिट कैथोलिक चर्च शहडोल से मुख्य मार्ग से होते हुए इंदिरा चौक, गांधी चौक, जैन मंदिर, परमट, रेलवे स्टेशन से होते हुए दरभंगा चौक स्थित कैथोलिक चर्च में समाप्त हुआ। उक्त झांकियों में प्रभु यिशु टैरेन्स वास्टिन, सैनिक- सी. एल. अब्राहम, विक्रम केरकेटटा, नेल्सन फर्नान्डिस,bदेवनीस एक्का, विजय कुजूर, इमेन्यूल बेस्टियन, अमित केरकेट्टा, गौरव परस्ते, जार्ज पॉल, अजय दास दास वही सिरनी सिमोन, सजी मैथ्यू, माता मरियम मारजोरी रॉड्रिक्स, वेरोनिका रोस मेरी केरकेट्टा, मेरी मगदलीना शशी कुजूर, येरूशालेम की स्त्रियाँ मुक्ता खल्खो, सुलोचना परस्ते, अन्ना लकरा, ज्योती टोप्पों, एंजलीना संगा, सुशीला केरकेट्टा, आईरीन डेनियल, सोली शिजू शामिल रहे।

 *ये रहे मुख्य रूप से शामिल* 

फादर जोस एन्थोनी , रेव्हे, जे.एस. मैथ्यूज, राईट रेवरेन्ट बिशप एस.के. आशावान,

रेव्ह के वाणी, डॉ० शिफाली बारिया, रेव्ह, अल्बर्ट स्टीफेन, रेव्ह एस. के. सैमुअल, पास्टर अमित रावत, पा. सर्वेश गुप्ता, पा. देवसिंह, पा. सागर, पा. मनबोध, पा. मुकेश, पा. जी.पी. मोंगरे, पा. लक्षपत, रवि सिंह, अलबर्ट बार्टन, सिरिल वार्टन, क्रिस्टोफर वास्टिन, क्लीफर्ड, अभिषक आइजक नगर अध्यक्ष, रॉकी,सुमन कुजूर, श्रीमती ब्रेनाडे लॉरेंस जॉन अब्राहम, श्रीमती संध्या किरण कुजूर, श्रीमती सरोज, जैकलिन अब्राहम, एरिक वास्टिन सी एल अब्राहम, सजी मैथयू के साथ संभाग के सभी फादर, पास्टर, प्रचारक धर्म बहनें, बच्चे महिलायें, बुजुर्ग उपस्थित रहे।

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