अस्पताल ही बनता जा रहा है मौत का घर ,
आखिर कब रुकेंगी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ?
(दीपक केवट - 7898803849)
शहडोल।कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय में 6 बच्चो की मौत का मामला अभी ठण्डा ही नहीं हुआ कि जिले के स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है।
मामला खन्नौधी स्थित स्वास्थ्य केन्द्र का
16 जनवरी को जिले के खन्नौधी स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव सीएफ़के लिए भर्ती हुई पार्वती बैगा पति गंगा बैगा निवासी ग्राम पलसऊ ने नवजात बच्चे को सेकने के नाम पर स्वास्थ्य कर्मी ने बच्चे को जला दिया। बच्चे की हालात इतनी बिगड़ गई कि चेहरे, हाथ, पीठ सहित कई जगह पर गर्म आग के कारण फफोले निकल आये, बच्चा ज़िंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है, परिजनों ने शनिवार को लगभग 12 से 1 बजे के बीच जिला चिकित्सालय लाकर उसी एसएनसीयू में भर्ती कराया है, जहां सोम व मंगलवार के बीच बच्चो की मौत हो गई थी।
पार्वती बैगा ने बताई अपनी आप बीती
पार्वती बैगा ने बताया कि 16 जनवरी को प्रसव के लिए खन्नौधी स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में परिजन उसे लेकर गये थे, दोपहर लगभग 2 बजे स्वस्थ्य बच्चे ने जन्म लिया, जन्म के बाद बच्चा करीब 10 मिनट तक रोया नही, एएनएम ने बच्चे को सेकने की सलाह दी और बच्चे को लेकर सेकने लगी। जिससे बच्चा जल गया। प्रसूता पार्वती बैगा के पिता व बच्चे के नाना राजू बैगा ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंचा तो एएनएम बच्चे को सेक रही थी,16 जनवरी को सुबह से ही लाईट नहीं थी, जिससे मशीन से नहीं सेका जा सका। थोड़ी देर में बच्चे के शरीर में कई जगह फफोले उठने लगे, बच्चा जब पैदा हुआ था, तब उसका वजन सवा किलो के आस-पास था, एएनएम की मनमानी के कारण आज नवजात जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है।
एएनएम ममता गोस्वामी का कहना है की
खन्नौधी स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ एएनएम ममता गोस्वामी ने बताया कि प्रसव यहीं हुआ है, जन्म के बाद बच्चा अचेत था, इसलिए सेकने की सलाह मैनें साथ में आये अटेण्डर को दी थी,टावेल में बच्चा देकर अस्पताल में प्रसव के लिए ग्राम रतहर से आई एक अन्य महिला की दवाई करने में मैं लग गई।